(गीतकार : निदा फ़ाज़ली)
चाँद भी देखा, फूल भी देखा
बादल, बिजली, तितली, जुगनू
कोई नहीं है ऐसा,
तेरा हुस्न है जैसा…
“मेरी निगाह ने ये कैसा ख्वाब देखा है“
“ज़मीं पे चलता हुआ माहताब देखा है”
मेरी आँखों ने चुना है तुझको दुनिया देखकर
किसका चेहरा अब मैं देखूं,
तेरा चेहरा देखकर
मेरी आँखों ने…
नींद भी देखी, ख़्वाब भी देखा
चूड़ी, बिंदिया, दर्पण, ख़ुशबू
कोई नहीं है ऐसा, तेरा प्यार है जैसा
मेरी आँखों ने…
रंग भी देखा, रूप भी देखा
रस्ता, मंज़िल, साहिल, महफ़िल
कोई नहीं है ऐसा, तेरा साथ है जैसा,
मेरी आँखों ने…
“बहुत ख़ूबसूरत है आँखें तुम्हारी
बना दीजिए इनको क़िस्मत हमारी
उसे और क्या चाहिए ज़िंदगी में
जिसे मिल गयी है मोहब्बत तुम्हारी”
